बिहार पर शर्म नहीं, गर्व करें: बिहार की असली पहचान

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बिहार का समृद्ध इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर, सभ्यता और ज्ञान का गढ़?

यह सिर्फ एक राज्य नहीं बल्कि संस्कृति, इतिहास और विकास का संगम स्थल है, बिहार एक ऐसा प्रदेश जो न केवल भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, बल्कि विश्व के लिए भी कई अद्वितीय उपलब्धियों का गवाह रहा है।
यहाँ की धरती पर दुनिया की सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी, नालंदा, स्थित है, जिसने ज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा दी। इस के साथ, बिहार में सबसे पुराना हिंदू मंदिर भी मौजूद है, जो धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है।

बिहार का गौरव बढ़ाते हुए यहां दुनिया का सबसे बड़ा ऊंचा स्तूप भी है। यह स्तूप बौद्ध धर्म के महत्व को दर्शाता है और इसे देखने के लिए हर साल हजारों श्रद्धालु आते हैं। इसके अलावा, बिहार में सबसे लंबा फ्री वाई-फाई जोन भी उपलब्ध है, जो तकनीकी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।

बिहार की सड़कों पर चलें तो आपको एशिया की सबसे पुरानी हाईवे मिलेगी, जो इस क्षेत्र के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाती है। इसके साथ ही भारत के 10 सबसे बड़े ब्रिज में से 4 यहाँ स्थित हैं। ये सभी बातें बिहार को न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से बल्कि आधुनिकता की ओर बढ़ते कदमों के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थान बनाती हैं।

यहां तक कि भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण व्यक्तियों जैसे कि भारत का प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद और गुरु गोविंद सिंह जी, सिख धर्म के दसवें गुरु, का संबंध भी बिहार से है। वे भारतीय इतिहास और सिख धर्म के महान संत और योद्धा के रूप में प्रसिद्ध हैं।

बिहार और बौद्ध धर्म का संबंध अत्यंत गहरा और ऐतिहासिक है। यह भूमि न केवल बौद्ध धर्म का जन्मस्थान मानी जाती है, बल्कि यहाँ कई महत्वपूर्ण स्थल भी हैं जो इस धर्म के इतिहास और विकास को दर्शाते हैं। बिहार के गया में स्थित बोधगया वह स्थान है जहाँ भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था, और इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है। बुद्ध धर्म के अनुयायी यहां आकर अपने आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करते हैं।

बिहार और जैन धर्म का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध अत्यंत गहरा है। यह भूमि न केवल जैन धर्म के विकास का केंद्र रही है, बल्कि यहाँ पर कई प्रमुख तीर्थ स्थल भी स्थित हैं, जो जैन अनुयायियों के लिए श्रद्धा का स्थान हैं। बिहार में स्थित वैशाली, राजगीर और पाटलिपुत्र जैसे स्थानों ने जैन धर्म के महान गुरुओं को जन्म दिया और उनके विचारों को फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

शून्य की खोज आर्यभट्ट द्वारा की गई थी, आर्यभट्ट, जो गणित के सबसे महान दिमागों में से एक माने जाते हैं, न केवल गणित में बल्कि खगोलशास्त्र, तात्त्विक दर्शन और विज्ञान के कई अन्य क्षेत्रों में भी अद्भुत योगदान दिया। उनका जन्म बिहार के बक्सर जिले में हुआ था, और इस कारण बिहार को भारतीय विज्ञान और गणित के इतिहास में एक विशेष स्थान प्राप्त है।

बिहार भारत का वह भूभाग है जिसके बिना भारत के इतिहास की कल्पना भी नहीं की जा सकती इतिहास में सबसे महान राज्यों में से एक बिहार य वह स्थान है जिसने चाणक्य जैसा अर्थशास्त्री चंद्रगुप्त और अशोका जैसा राजा बुद्ध और महावीर जैसा धर्म प्रवर्तक नालंदा जैसी यूनिवर्सिटी आर्यभट्ट जैसा वैज्ञानिक और शेसा जैसा शासक दुनिया को दिया बिहार के बिना स्वयं इतिहास भी अधूरा है

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